हाइब्रिड मक्का की खेती में बंपर पैदावार पाने की तकनीक

हाइब्रिड मक्का की खेती में बंपर पैदावार पाने की तकनीक

हाइब्रिड मक्का की खेती में बंपर पैदावार पाने की तकनीक

मक्का (Maize/Corn) एक प्रमुख खाद्यान्न फसल है, जिसका उपयोग भोजन, पशु चारा, औद्योगिक उत्पादों और एथेनॉल उत्पादन में होता है। हाइब्रिड मक्का की खेती पारंपरिक किस्मों की तुलना में अधिक पैदावार देती है, बशर्ते कि वैज्ञानिक तकनीकों का पालन किया जाए। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि हाइब्रिड मक्का की खेती से अधिकतम उत्पादन कैसे लिया जा सकता है।

हाइब्रिड मक्का की खेती में बंपर पैदावार पाने की तकनीक

1. उपयुक्त जलवायु और तापमान

  • तापमान: 21°C से 32°C उपयुक्त है। अंकुरण के लिए न्यूनतम तापमान 10°C जरूरी है।
  • वर्षा: 500 से 800 मिमी तक की वार्षिक वर्षा उत्तम होती है।
  • धूप: मक्का को भरपूर धूप चाहिए, खासकर फूल निकलने और दाना बनने के समय।

2. मिट्टी का चयन और तैयारी

  • मिट्टी का प्रकार: बलुई दोमट, मध्यम दोमट या काली मिट्टी सर्वोत्तम।
  • pH मान: 5.8 से 7.0 के बीच सबसे अच्छा।
  • भूमि तैयारी: 2–3 बार जुताई कर पाटा चलाएं। खेत को समतल और खरपतवार रहित रखें।
  • जैविक खाद: 15–20 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद प्रति एकड़ डालें।

3. हाइब्रिड बीज का चयन

सर्वश्रेष्ठ हाइब्रिड किस्में (राज्य-विशिष्ट हो सकती हैं):

  • Bioseed 9720
  • Dekalb 900M Gold
  • Syngenta 9028
  • Pioneer 30V92
  • Advanta 7584

बीज उपचार: बीजों को थीरम या कार्बेन्डाजिम (2 ग्राम प्रति किग्रा) से उपचारित करें। फफूंद और कीटों से सुरक्षा के लिए नीम आधारित जैविक उपचार भी कर सकते हैं।

4. बुवाई का समय और विधि

  • समय (खरीफ): जून के मध्य से जुलाई तक।
  • समय (रबी): नवम्बर के पहले सप्ताह तक।
  • बुवाई विधि: लाइन से बुवाई करें।
  • लाइन से लाइन दूरी: 60 सेमी
  • पौधे से पौधे की दूरी: 20 सेमी
  • बीज दर: 8–10 किग्रा प्रति एकड़

5. सिंचाई प्रबंधन

पहली सिंचाई: अंकुरण के 7-10 दिन बाद।
महत्वपूर्ण सिंचाई चरण:
फूल निकलने (tasseling)
परागन (pollination)
दाना बनने की अवस्था (grain filling)
सिंचाई अंतराल: 8–10 दिन (मिट्टी की नमी के अनुसार)

6. पोषक तत्व प्रबंधन (उर्वरक योजना)

प्रति एकड़ उर्वरक मात्रा (अनुशंसित):

पोषक तत्व मात्रा (किग्रा/एकड़) स्रोत
नाइट्रोजन (N) 60-80 किग्रा यूरिया
फास्फोरस (P₂O₅) 30-40 किग्रा SSP या DAP
पोटाश (K₂O) 20-30 किग्रा MOP

खाद देने का समय:

बुवाई के समय: DAP + MOP + गोबर खाद
25 दिन बाद: पहली टॉप ड्रेसिंग यूरिया
45 दिन बाद: दूसरी टॉप ड्रेसिंग यूरिया

7. खरपतवार नियंत्रण

पहला निराई-गुड़ाई: बुवाई के 15–20 दिन बाद
दूसरा: 35–40 दिन बाद
रासायनिक उपाय: एट्राजीन 1.5 किग्रा प्रति एकड़ (बुवाई के बाद मिट्टी में)

8. कीट और रोग नियंत्रण

प्रमुख कीट:
तना छेदक (Stem borer): कार्टाप हाइड्रोक्लोराइड या क्लोरोपायरीफॉस का छिड़काव करें।
थ्रिप्स/एफिड्स: नीम तेल (5ml/L पानी) या इमिडाक्लोप्रिड का स्प्रे।

प्रमुख रोग:
पत्ती झुलसा (Leaf blight): मैनकोजेब + कार्बेन्डाजिम का छिड़काव।
रस्ट: हेक्साकोनाज़ोल का छिड़काव करें।

9. फसल कटाई और भंडारण

कटाई का समय: जब बालियां पूरी तरह सूख जाएं और दाने कड़े हो जाएं।

पैदावार:
हाइब्रिड मक्का: 25–35 क्विंटल/एकड़
अच्छी प्रबंधन से: 40–45 क्विंटल/एकड़ संभव है।
भंडारण: सूखे और हवादार स्थान पर रखें। दानों को अच्छी तरह सुखा लें (12% नमी से कम)।

10. अतिरिक्त सुझाव

  • मृदा परीक्षण (Soil Testing): हर 2 साल में soil health card बनवाएं। इससे आपको उर्वरकों की सही मात्रा पता चलेगी और लागत घटेगी। इससे मिट्टी की गुणवत्ता भी लंबे समय तक बनी रहती है।
  • बीज उपचार: रासायनिक उपचार के साथ-साथ ट्राइकोडर्मा, पेसिलॉमाइसिस और एज़ोटोबैक्टर जैसे जैविक उत्पादों से बीज का उपचार करें। इससे अंकुरण बेहतर होता है और मिट्टी में लाभदायक सूक्ष्मजीव सक्रिय रहते हैं।
  • मौसम की जानकारी मोबाइल पर पाएं: mKisan, Meghdoot App या Agri-Weather SMS Alerts की मदद से मौसम और कीट नियंत्रण की अग्रिम जानकारी पाएं। इससे आप सिंचाई, छिड़काव और कटाई का सही समय तय कर सकते हैं।
  • फसल बीमा और सरकारी योजनाओं का लाभ: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में मक्का को शामिल कर फसल नुकसान की स्थिति में मुआवजा पाएं। PMKSY, NFSM या कृषि यंत्र सब्सिडी योजना के तहत बीज, स्प्रेयर, ट्रैक्टर, पावर टिलर आदि पर सब्सिडी प्राप्त करें।
  • फसल अवशेष प्रबंधन: मक्का कटाई के बाद बचे हुए डंठलों को कम्पोस्ट खाद में बदलें या बायोगैस यूनिट में उपयोग करें। इससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और अतिरिक्त आय का साधन भी बनता है।
  • FPO/कृषक उत्पादक संगठन से जुड़ें: FPO के माध्यम से थोक में उर्वरक खरीद, फसल का बेहतर दाम, और प्रशिक्षण सुविधाएं मिलती हैं।
  • बाजार संपर्क: कृषि मंडियों, एफपीओ या प्रोसेसिंग यूनिट्स से सीधा संपर्क करें।
  • फसल चक्र: मक्का के बाद दालें (चना, अरहर) बोएं — मिट्टी में नाइट्रोजन संतुलन बना रहता है।

खेती-बाड़ी किसे कहते हैं

निष्कर्ष

हाइब्रिड मक्का की खेती एक उच्च लाभदायक व्यवसाय बन सकती है यदि किसान सही तकनीकों, गुणवत्ता बीज और समय पर पोषण/सिंचाई प्रबंधन को अपनाएं। वैज्ञानिक विधियों का अनुसरण कर आप एक एकड़ में 35–45 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

अगर आप मक्का की खेती से जुड़ा कोई प्रश्न या समस्या पूछना चाहते हैं या आपको कोई योजना या सब्सिडी जानकारी चाहिए तो नीचे कमेंट करें या हमसे संपर्क करें।

Dikesh Kumar

Experienced agronomist and farmer, sharing practical farming insights and product reviews to support agricultural communities on Kisan Hat.

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